Friday 8 February 2013

कल्पना चावला





कल्पना चावला का जन्म हरयाणा के जिले करनाल में 1 जुलाई 1961 को हुआ था| उनकी माता का नाम संयोगिता चावला और पिता का नाम बनारसी लाल चावला था| कल्पना चावला की दो बहन और एक भाई था सभी भाई बहनों में वे सबसे छोटी थी| कल्पना बचपन से ही बुद्धिमान थी| उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा करनाल में पूरी क़ी| स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने दयाल सिंह कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग करनाल से शिक्षा प्राप्त की| इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ में पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की| इसके बाद वह 1982 में अपने भाई के साथ उच्च शिक्षा पाने के लिए अमेरिका चली गईं|
अमेरिका में उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय से अन्तरिक्ष हवाई उड़ान अभियांत्रिकी विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल कर ली| उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने 1984 में अपने उड़ान प्रशिक्षक जै  .पी हैरिसन जो की एक अमेरिकी नागरिक थे इनके साथ विवाह कर लिया| इसके बाद कल्पना ने 1988 में इसी विषय में यूनिवर्सिटी ऑफ कोलेरीडो से पी .एच .डी की उपाधि प्राप्त की| इस दौरान उन्हें उन्होंने हवाई जहाज उड़ाने का लाइसेंस भी प्राप्त किया| पी . एच .डी की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने कैलिफोर्नियाँ में स्थित ऑवर सेट मेशड्स में एक वैज्ञानिक के रूप में नौकरी की शुरुआत की| 
1997 में जब नासा ने अन्तरिक्ष में जाने के लिए विज्ञापन द्वारा आवेदन मंगवाए , तब कल्पना चावला ने भी अपनी अर्जी भेज दी| डाक्टर कल्पना चावला गुरुत्वाकर्षण विषय में विशेषज्ञ होने के कारण उनका चयन आसानी से हो गया| नासा ने कल्पना चावला को भार रहित अवस्था में होने वाले परिणामों का अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी| नासा के इस इस मिशन के लिए कल्पना चावला सहित सभी अन्तरिक्ष यात्रियों का चयन दिसम्बर 1994 में कर लिया था| जब सभी अन्तरिक्ष यात्री अन्तरिक्ष यान में बैठकर पृथ्वी की सीमा से बाहर निकल गए तो सभी अन्तरिक्ष यात्रियों को भारहीनता का अनुभव हुआ| यान के अन्दर यात्रियों की दिनचर्या काफी काठी रही| प्रत्येक यात्री को पूरे दिन में 16 घंटे जागना एवं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार तरह तरह के अध्ययन करना और बाकी 8 घंटे सोंने का ब्यौरा भी शामिल था| जब स्पेस शटल कोलम्बिया अन्तरिक्ष की परिक्रमा के लिए रवाना हुआ था| इसी बीच उनके स्पेस शटल का एक महत्वपूर्ण भाग - सपारटन अपने मुख्य भाग से अलग हो गया था| डॉक्टर कल्पना चावला ने अपने दो सहकर्मियों की सहायता एवं अपने अथक प्रयासों से इस 3000 पौंड के हिस्से को फिर से अपने स्पेस शटल के साथ जोड़ने में कामयाबी हासिल की| उनकी इस सफलता पर नासा के मुख्य प्रशासक ने बड़ी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कल्पना चावला को बधाई दी और यह कहा कि डॉक्टर कल्पना चावला एक शानदार अन्तरिक्ष यात्री हैं| अन्तरिक्ष से पृथ्वी पर वापस लौटने के बाद  उन्होंने समाचार पत्रों में अन्तरिक्ष में अपने अनुभव को बताया|
16 जनवरी 2003 को डॉक्टर कल्पना चावला को दूसरी बार अन्य 6 वैज्ञानिकों के साथ फिर से अन्तरिक्ष में जाने का अवसर मिला| इस अन्तरिक्ष मिशन में उन्होंने बहुत से चिकित्सकीय अनुसन्धान किए| 16 दिन के इस चिकित्सा अनुसन्धान अभियान में सभी अनुसंधान सफलता पूर्वक किए गए| जब कल्पना चावला सहित सभी अन्तरिक्ष यात्री पृथ्वी कि और वापस लौट रहे थे तब यान में अचानक आई त्रुटी से गड़बड़ी होने के कारण पृथ्वी पर पहुँचने के मात्र 16 मिनट पूर्व ही 1 फरवरी, 2003 को यान दुर्घटना ग्रस्त हो गया तथा भारतीय मूल की अन्तरिक्ष यात्री कल्पना चावला सहित सभी वैज्ञानिक अकाल मृत्यु के शिकार हो गए| इन वैज्ञानिकों के खो जाने से पूरी दुनिया में शोक फ़ैल गया था| कल्पना चावला के हमेशा के लिए दुनिया से चले जाने से हर भारतीय को गहरी ठेस पहुंची थी| इन सभी अन्तरिक्ष यात्री की मृत्यु से वैज्ञानिकों को बहुत बड़ा धक्का लगा| इन सभी अन्तरिक्ष यात्रियों कि कमी काफी समय तक महसूस होती रहेगी| 

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