किशोर
कुमार का व्यक्तित्व मनमौजी किस्म का था. हमेशा मस्त रहने वाले किशोर कुमार
अपनी जन्मभूमि खंडावा से बहुत प्रेम करते थे. एक और बात जिसकी वजह से
किशोर कुमार को अधिकतर फिल्मकार पसंद नहीं करते थे वह थी बिना पैसा लिए काम
न करने की आदत. वह तब तक किसी गाने की रिकॉर्डिंग नहीं करते थे जब तक
उन्हें पैसा नहीं मिल जाता था.
आधा पैसा तो आधा मेक-अप
एक वाकए
के अनुसार, जब एक फिल्म की शूटिंग के दौरान निर्माता ने उन्हें पहले पूरे
पैसे नहीं दिए तो वह फिल्म के सेट पर आधे चेहरे पर ही मेक-अप लगाकर पहुंच
गए और पूछने पर कहने लगे कि “आधा पैसा तो आधा मेक-अप.”
हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार
एक और
बहुत ही हास्य घटना के अनुसार जब निर्माता आर.सी. तलवार ने उनके पैसे नहीं
दिए तो वह हर दिन तलवार के घर सुबह-सुबह पहुंच कर बाहर से ही चिल्लाने लगते
“हे तलवार, दे दे मेरे आठ हजार.”
फ्री में भी गाए गाने
हालांकि
उनका ऊसूल था कि पैसा नहीं तो काम नहीं पर कई बार उन्होंने निर्माताओं के
लिए फ्री में भी गाना गाए हैं. किशोर कुमार बहुत ही दयावान और दूसरों की
मदद के लिए भी जाने जाते थे. काफी लोग उनके अक्खड़ और मस्तमौला व्यवहार की
आलोचना भी करते थे लेकिन वह किसी की परवाह नहीं करते थे. अपने घर के बाहर
उन्होंने “किशोर से सावधान” का बोर्ड लगा रखा था.
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